इको टूरिज्म की अवधारणा से संचालित होगा सिद्धखोल जलप्रपात




इको टूरिज्म की अवधारणा से संचालित होगा सिद्धखोल जलप्रपात


जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से करीब 40 किमी की दूरी पर स्थित प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सिद्धखोल जलप्रपात को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने पहल की गई है। वनमण्डलाधिकारी  गणवीर धम्मशील ने सौंदर्य से भरपूर इस जलप्रपात का निरीक्षण कर  परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान को कार्य योजना बनाने के लिए निर्देशित किया  है |  वनमंडल अधिकारी  बताया कि सिद्धखोल जलप्रपात में  पर्यटकों की सुरक्षा ,  सुविधाएं विकसित करने  वन विभाग एवं वन प्रबंधन समिति कुकरिकोना  द्वारा नए नए प्रयास किए जा रहे है।


निर्देशनुसार परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान सुनीत साहू द्वारा कुकरीकोना समिति के सदस्यों के साथ मिलकर सिद्धखोल जलप्रपात में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए नई शुरुआत की गई है। जब पर्यटक सिद्धखोल जलप्रपात में प्लास्टिक बोतल लेकर पहुंचेंगे तब जांच नाके पर उनसे निर्धारित शुल्क लेकर एक स्टीकर प्लास्टिक पॉलीथिन में लगाकर दिया जाएगा । वापसी में उक्त स्टीकर लगे प्लास्टिक को वापस जमा करने पर शुल्क वापस कर दी जाएगी। 


वन प्रबंधन समिति कुकरिकोना की संचालन में सहभागिता

सिद्धखोल जलप्रपात को संचालन के लिए कुकरीकोना समिति को जोड़ा गया है जिससे कि वहां के बेरोजगार युवाओं और ग्रामीणों को रोजगार  के अवसर प्राप्त हो सके साथ ही वन क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ इको पर्यटन के आधार पर जलप्रपात का संचालन हो सके I 


इसके अतिरिक्त महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा कैंटीन का संचालन एवं  टिकट व्यवस्था में सुधार करने की योजना बनाई गई है I

ad inner footer

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Welcome to Chhattisgarh SevaLearn More
Accept !