**छत्तीसगढ़ सेवा न्यूज कोरबा से द्वारिका यादव की रिपोर्ट **
कोरबा/पाली:-वनपरिक्षेत्रों में होने वाले मनमाने कार्य तौर- तरीकों से इन दिनों कटघोरा वनमंडल जिले भर में अच्छा खासा सुर्खियां बटोर रहा है जहाँ रेंज में बैठे मातहमों के नए- नए नायाब नमूने से वनमंडलाधिकारी के साख पर खासा बट्टा लग रहा है।ऐसा ही एक नमूना सामने आया है जिसमे समिति के खाते में पर्याप्त राशि ही नही और तेंदूपत्ता तोड़ाई किये ग्रामीणों को कार्य के भुगतान का चेक डिप्टी रेंजर द्वारा मनमाने रूप से बांट दिया गया।अब ग्रामीण उस चेक को हाथों में लिए निराश परेशान होकर भटक रहे है।
सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पाली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत जेमरा बीट में 6 माह पूर्व तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य कराया गया था जिसमे बीहड़ वनांचल ग्राम जेमरा, बगदरा, नगोईभांठा, नेवरहापारा, पहाड़जमड़ी के दर्जनों गरीब ग्रामीणों ने कार्य किया था।जिस कार्य का राशि भुगतान अधिकतर ग्रामीणों के खाते में तो जमा कर दिया गया जबकि ग्रामीण राजेन्द्र पिता सिंह, मनराखन सिंह, मानसिंह, दीनदयाल, प्रेमकिशन समरीन बाई सहित लगभग डेढ़ दर्जन ग्रामीण जिन्हें समिति के सचिव एवं जेमरा बीट के डिप्टी रेंजर गिरधारीलाल यादव द्वारा बिलासपुर जिले के रतनपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक का बीते दो माह पहले भुगतान को लेकर चेक दिया गया और जब ग्रामीण अपने- अपने नाम का चेक लेकर अपनी मेहनत का भुगतान पाने रतनपुर स्थित उक्त बैंक पहुँचे तब पता चला कि जिस खाता क्रमांक का उन्हें डिप्टी रेंजर द्वारा चेक दिया गया है दरअसल उस खाते में पर्याप्त राशि ही नही है।अब बेबस गरीब ग्रामीण अपने हाथों में चेक लेकर दो माह से विभाग का चक्कर दर चक्कर काट रहे है।इस विषय पर 10 हजार भुगतान राशि का चेक लिए भटक रहे राजेन्द्र ने बताया कि डिप्टी रेंजर को अनेकों बार भुगतान के संबंध पर बोला जा चुका है लेकिन वे इस ओर ध्यान देने के बजाय उल्टे ग्रामीणों को ही धमकाते है कि ज्यादा इधर- उधर करोगे तो चूल्हा जलाने के लिए जंगल से जो लकड़ी लाते हो उसमें पीओआर काटकर कार्यवाही कर दूंगा।ऐसी स्थिति में उन सभी को मानसिक एवं आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।राजेन्द्र की ही भांति लगभग डेढ़ दर्जन ग्रामीण अपने नाम का चेक लिए परेशान हताश होकर भटक रहे है।