महासमुंद 31 दिसम्बर 2020/ कृषि-राजीव गांधी किसान न्याय योजना महासमुन्द जिले के किसानों और मजदूरों की तकदीर ही बदल दी है। जिले के एक लाख 28 हजार से ज्यादा किसानों को लगभग 3 करोड़ 22 लाख 50 हजार से ज्यादा राशि का भुगतान अब तक किया जा चुका है। इस योजना के लाभ से किसान स्वावलंबी तो बनें ही उनकी आर्थिक स्थिति में पहले से सुधार आया है। राज्य सरकार द्वारा अगली किश्त का भुगतान किया जा रहा हैं। जिले में दो साल में खरीफ वर्ष 2019-2020 में अनाज, दलहन, तिलहन सहित कुल 57 हजार 200 क्विंटल से ज्यादा बीज का वितरण किया गया। वहीं खरीफ वर्ष 2020-21 में 75 हजार 450 क्विंटल से ज्यादा बीज का वितरण किसानों को किया गया। इसी प्रकार रबी मौसम में वर्ष 2019-20 में लगभग 3 हजार 752 क्विंटल और 2020-21 में 3 हजार 436 क्विंटल बीज का वितरण किया गया।
पिछले साल 2019-20 में 72 लाख 72 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। जिसका भुगतान किसानों को किया गया है। जिले में 75 लाख क्विंटल धान के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक लगभग 29 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। जिले मेे किसानों को सहकारी बैंक के माध्यम से कृषि कार्यों के लिए आसानी से ऋण मिल रहा है। इन 17 हजार 500 किसानों को कृषि कार्यों के लिए लगभग 300 करोड़ रूपए का ऋण दिया गया है। इसके अलावा कृषि यंत्रीकरण सबमिशन योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं लघु सीमांत वर्ग के 12 किसानों को ट्रेक्टर पर योजना प्रावधान अनुसार 50 प्रतिशत् अनुदान लागत का अधिकतम 5 लाख रूपए अनुदान दिया गया है। गौधन न्याय योजना के तहत् जिले के पशुपालक, किसान व ग्रामीण अब आत्मनिर्भर हो रहे है तथा गोबर बेचकर भी लाभ कमा रहे हैं वहीं बिहान समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार कर अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर रही है।
जल संसाधन विभाग - महासमुन्द जिले में वर्ष 2019-20 में जल संसाधन विभाग द्वारा लगभग 40 हजार 899 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया है। इस वर्ष खरीफ फसल के लिए भी 40 हजार 968 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी जिले के विभिन्न जलाशयों से उपलब्ध कराया गया। वहीं वर्ष 2019-20 में 11 निर्मित योजनाओं में 3 हजार 325 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति एवं 419 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई तथा वर्ष 2020-21 में 02 योजनाओं से 380 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की कमी की पूर्ति तथा 37 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इसके अलावा जल संसाधन विभाग द्वारा सरायपाली विकासखण्ड के अर्तुण्डा, बानूभाटा, ब्यपवर्तन योजना एवं दर्राभाठा ब्यपवर्तन योजना के कार्य पूर्ण किया गया है। इस योजना से क्रमशः 120 हेक्टेयर एवं 155 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग - दो साल वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले में कुल लक्ष्य 55 लाख मानव दिवस के विरूद्ध 57 लाख मानव दिवस से अधिक का रेाजगार दिया गया जो कि लक्ष्य का 103 प्रतिशत् से अधिक है। इसमें कुल एक लाख 09 हजार से ज्यादा परिवारों के 02 लाख से अधिक मजदूरों को रेाजगार मिला। मजदूरी और सामग्री की भुगतान कर कुल राशि 10 हजार 684 लाख रूपए से अधिक राशि का व्यय किया गया। वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल लक्ष्य 67.73 लाख मानव दिवस के विरूद्ध नवम्बर माह अंत तक 46 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। जो लक्ष्य से 68 प्रतिशत् अधिक है। इसमें एक लाख 20 हजार से अधिक परिवारों के 02 लाख 45 हजार से अधिक मजदूरों को रोजगार प्रदाय किया गया। इसमें मजदूरी और सामग्री के भुगतान पर 9471 लाख से अधिक व्यय हुआ। बिहान योजनांतर्गत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में जिले में 5 हजार 223 महिला स्व-सहायता समूह काम कर रहे है। इस समूह में लगभग 56 हजार महिलाएं जुड़ी हुई है। जो विभिन्न प्रकार की सामग्रियां मोमबत्ती, दीयां से लेकर वाशिंग पाउडर, फिनाॅयल, साज-सज्जा की सामग्रियां बना रही है। महासमुन्द जिले के 84 गौठानों मंे सप्ताह में एक दिन डिजी पे (वीएलई ) के माध्यम से हितग्राहियों को उनके बैक खातें से उनकी जरूरत की मुताबिक राशि दी जा रही है। आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित हो रहे गौठान समूह की आमदनी बढ़ी है। वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आ रही है।
वन एवं क्रेडा विभाग - पर्यावरण संरक्षण - वन विभाग द्वारा जिले में स्थाई चेकडेम बनाया जा रहा हैं जिससे भू-संरक्षण और सिंचाई के साधन उपलब्ध हो रहे हैं। वन विभाग द्वारा जिले में 10 स्थाई चेकडेम, 2000 बोल्डर चेकडेम, 3000 सोख्ता का निर्माण कराकर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध तो कराया वहीं सिंचाई के लिए पानी और जमीन का वाटर लेबल बढ़ रहा है। क्रेडा द्वारा सौर सामुदायिक पम्प की स्थापना कर अछोला गाॅव के लगभग 100 किसानों द्वारा 67 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है। क्रेडा विभाग द्वारा लगाया सौर सामुदायिक पम्प द्वारा समोदा बैराज से इस इलाके के इन खेतों में पानी पहुंचाया जा रहा हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग - महासमुन्द शहर में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू हो गया है। वर्तमान में वर्चुअल क्लास के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है। पढ़ई तुंहर दुवार के तहत् बच्चों को आॅनलाईन शिक्षक पढ़ाई करा रहें है। जिले के अधिकांश सभी शिक्षाकर्मियों का संविलयन इन दो सालों मंे किया जा चुका है। विगत नवम्बर माह में 510 शिक्षाकर्मियों का संविलयन किया गया। जिले में कोरोना काल के चलते 1 लाख 30 हजार बच्चों को सूखा राशन वितरण किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग - जिले में पौने 6 करोड़ की लागत से 90 आॅगनबाड़ी केन्द्र बनाए जा रहें है। जहां बच्चों को और बेहतर सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत् कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 17 प्रतिशत् की कमी आई है। वहीं एनीमिक पीड़ित महिलाओं की स्थिति में भी सुधार हुआ है। इनकी संख्या में भी 10 प्रतिशत् की गिरावट आई है। जिले में चलाए जा रहें मिशन 3.5 कार्यक्रम के तहत् पिछले 06 माह में कम वजन (लोवेट) के पैदा होने वाले बच्चों में भी कमी आई है। इसके साथ ही शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है। कोरोना काल में आॅगनबाड़ी केन्द्रों में शिशुवती एवं गर्भवती महिलाओं को चावल, दाल एवं अन्य सामग्रियां (सूखा राशन) का वितरण आॅगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिका द्वारा किया गया।
स्वास्थ्य विभाग - महासमुन्द जिलेवासियों को इस साल में मेडिकल काॅलेज की सौगात मिली है। कोविड अस्पताल शुरू होने से कोरोना पाॅजिटीव व्यक्तियों का बेहतर ईलाज हुआ। कोविड सेंटरों में भी बेहतर सुविधा के साथ लोग ठीक हुए। जिले में 30 दिसम्बर तक 8345 कोरोना पाॅजिटीव पाए गए। जिनमें से 7877 पूरी तरह ठीक होकर अपने घर सुरक्षित पहुंचे। वहीं कोरोना एवं अन्य बीमारियों के चलते 119 लोेगों की अब तक मौत हुई है। आज की स्थिति में केवल 349 जिले में एक्टिव प्रकरण है।
लोक निर्माण विभाग - लोक निर्माण विभाग द्वारा 31 मार्ग निर्माण कार्य चल रहें है। 32 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाई गई जिसमें 6843 लाख व्यय हुए। वहीं 41 मार्ग नवीनीकरण के तहत् लगभग 128 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाई गई, जिसमे ं405 लाख रूपए व्यय हुई। लोक निर्माण विभाग 2079 लाख रूपए से 76 भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है।