पाली वनपरिक्षेत्र के बहेलिया नाला में लाखों की लागत से निर्मित तालाब का मेढ़ पहली ही बारिश से फूट गया, मरम्मत पश्चात पुनः फूटा, तत्कालीन परिक्षेत्राधिकारी प्रहलाद यादव द्वारा कराया गया था कार्य, एक बाल्टी पानी भी नही रुक रहा

 


**छत्तीसगढ़ सेवा न्यूज कोरबा से द्वारिका यादव की रिपोर्ट **

कोरबा/पाली:- पाली परिक्षेत्र में तत्कालीन रेंजर रहे प्रहलाद यादव द्वारा धन बटोरने की नीयत से अपने कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार से कार्य कराए गए उससे सभी कार्यों का बंटाधार हो गया।जहां शासन से निर्धारित मापदंड के विपरीत हुए कार्यों की अल्प समय मे ही दुर्दशा देखने को मिल रही है।ऐसे ही ग्राम कोडार के बहेलिया नाला में भी भ्रष्ट्राचारपूर्ण निर्माण कराए गए तालाब का विकृत रूप महज 6 माह में ही परिलक्षित हो गया।


कोसो दूर जंगल से बहकर आने वाले पानी को रोककर भराव किया जा सके और जिसका लाभ वन्य प्राणियों को मिलने के साथ सिंचाई योजना पर भी काम आ सके इस उद्देश्य को लेकर कटघोरा वनमंडल द्वारा ग्राम कोडार के बहेलिया नाला में तालाब निर्माण के लिए पाली वनपरिक्षेत्र को वर्ष 2018 में लाखों की स्वीकृति दी गई जहाँ माह नवम्बर- दिसंबर में तत्कालीन रेंजर रहे प्रहलाद यादव द्वारा तालाब का निर्माण कार्य कराया गया जिसके तैयार होने के महज 6 माह बाद ही बारिश का पहला पानी तालाब के एक किनारा को तोड़ते हुए बह निकला।बरसात बीतने के बाद तालाब के उस टूटे हिस्से पर मिट्टी भरा गया लेकिन वर्तमान वर्ष के बीते माह जून- जुलाई में हुए बारिश से मरम्मत पुनः बह गया और इस प्रकार लाखों की लागत का तालाब तत्कालीन रेंजर के भ्रष्ट्राचार का भेंट चढ़ गया तथा जिस उद्देश्य के तहत बनना था उसमें एक बाल्टी पानी भी नही रुक रहा है।जिसे लेकर विभाग की कार्यप्रणाली पर लोग सवालिया निशान लगा रहे है।बता दें कि तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव द्वारा अपने पदस्थापना काल के दौरान जितने भी कार्य कराए गए उन सबकी गुणवत्ता पर शुरू से ही उंगली उठने के साथ दुर्दशा भी देखने को मिल रही है।रेंजर श्री यादव का कटघोरा वनमंडल में कार्यकाल शुरू से ही भ्रष्ट्राचार भरा रहा है जहाँ केंदई रेंज में रहते हुए उन्होंने जमकर गड़बड़झाला को अंजाम दिया जिसे लेकर इनके ही कर्मचारियों द्वारा आंदोलन कर उन्हें केंदई से भगाया था तब उन्हें कुछ माह बिलासपुर वनविभाग में रखने के बाद पाली वनपरिक्षेत्र में भेजा गया जहाँ पर भी उन्होंने जमकर गड़बड़झाला को अंजाम दिया तथा वर्तमान में वे उपवनमंडलाधिकारी के पद पर शासन से पदोन्नत होकर कटघोरा वनमंडल के उपवनमण्डल कटघोरा में पदस्थ है।उनके द्वारा पाली परिक्षेत्र अंतर्गत निर्माण कराए गए स्टॉफडेमों का भी किस कदर दुर्दशा हो गया है और जिसका सिंचाई व्यवस्था हेतु किसी एक को भी लाभ नहीं मिल पा रहा है, अगले खबर में उनके द्वारा कराए गए ऐसे निर्माण को भी सामने लाया जाएगा।

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