अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ीयो को उनके समाज में मिलाने की मांग।





महासमुंद-प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज जिला युवा प्रकोष्ठ द्वारा अंतर्जातीय विवाह करने वाले समाज से वंचित लड़की लड़का को लड़का पक्ष के समाज मेंं समुचित सम्मान दिलाने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। युवा प्रकोष्ठ द्वारा कलेक्टर के नाम से अपर कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन मेंं उल्लेख किया गया है कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा अस्पृश्यता निवारण हेतु अनुसूचित जाति वर्ग के लड़के लड़कियों के द्वारा गैर अनुसूचित जाति के पिछड़ा व सामान्य वर्ग के लड़के लड़कियों के साथ शादी करने पर आर्थिक रूप से प्रोत्साहन राशि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ढाई लाख दिया जाता है। तथा पुरे प्रदेश स्तर पर एक जोड़ी का चयन कर  केंद्र सरकार की योजना बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से पांच लाख दिया जाता है। परंतु ज्यादातर लड़के के घर परिवार व उनके जाति में अन्य समाज के लड़की से विवाह करने पर स्वीकार नहीं किया जा रहा है।यह समस्या ज्यादातर अनुसूचित जाति के लड़की से गैर अनुसूचित जाति के लड़के के साथ अंतर्जातीय विवाह करने पर हों रही है। कुछ मामले अनुसूचित जाति वर्ग के अंदर ही लड़के लड़कियों के द्वारा शादी करने पर भी आ रही है। 

 

जिसके कारण लड़की-लड़का घर परिवार व जाति से दुर रहकर बहिष्कृत व अव्यवस्थित जीवन जीने के लिए मजबुर हो जा रहें हैं। जिसके कारण हताशा व निराशा में लड़के-लड़कियों द्वारा आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबुर हो जातें हैं। बहुत से समाज में कठोर नियम व भारी भरकम दंड राशि तथा दबाव के कारण कानुनी मदद नहीं लें पाते हैं। संवैधानिक रुप से लड़के पक्ष के जाति में ही लड़की को मिलाया जाना चाहिए जिससे उनके होने वाले संतान की जाति पिता के आधार पर दर्ज हो सकें। 

 

जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा महिला बाल विकास विभाग एवं अन्य सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ियों की पहचान कर उनके परिवार,जाति समाज में समुचित सम्मान दिलाने के लिए उचित पहल करने की मांग किया गया है । ज्ञापन सौंपने वालों में रेखराज बघेल जिलाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ, लेखराज बंजारे ब्लाक अध्यक्ष, देवेन्द्र मिर्चें जिला उपाध्यक्ष शिक्षा प्रकोष्ठ व जिला सहसचिव राजेश रात्रे उपस्थित थे।

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