जनसमस्याएं समाप्त हों इस संघर्ष के लिए जनसभा की हुई स्थापना
बेहतर शिक्षा - स्वास्थ्य सुविधा के विस्तार, स्थानीय स्तर पर रोज़गार की उपलब्धता और भ्रष्टाचार के विषय पर केंद्रित है संघर्ष-अरुण पाण्डेय्
प्रदेश में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य व स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए स्वरोजगार एवं रोज़गार की व्यवस्था बनाने के साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना लेकर अरुण पाण्डेय् ने सैकड़ो समर्थकों की उपस्थिति में 01 जनवरी 2022 को जनसभा का गठन किया है।
जनसभा की परिकल्पना पंचायत व शहरी वार्ड स्तर पर बेहतर शैक्षणिक व स्वास्थ्य संरचनाओं के निर्माण के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर ही युवाओं को रोज़गार के अवसर प्राप्त हो सकें इसके लिए संघर्ष करने का लक्ष्य होगा।
*● आईएपी योजना के तहत प्रशिक्षित नर्सिंग विद्यार्थियों की फीस तत्काल करें ट्रांसफर -अरुण पाण्डेय्*
जनसभा के बैनर तले जिला कलेक्टर रज़त बंसल को आईएपी योजना के तहत नर्सिंग पाठ्यक्रम पूर्ण कर चुके बस्तर के अतिविशिष्ट चिन्हांकित अभ्यर्थियों को अब तक वादा अनुसार शुल्क की राशि नही दी गई है। पढ़ाई पूर्ण करने के लिए उन्होंने बैंकों से कर्ज लिया है। अब प्रत्येक विद्यार्थियों के परिजनों के सर पर लाखों का कर्ज है। जिसके लिए आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त, कलेक्टर, संभाग आयुक्त तक जानकारी देने के बावजूद कोई कार्यवाही नही होते देख एक दिवसीय धरना में इस विषय को प्रमुखता से बल दिया गया है।
● दलपत सागर क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के नाम पर विस्तापित व्यापारियों को दें पक्का कॉम्पलेक्स
स्थानीय दलपत सागर के सौंदर्यीकरण के कार्य के दौरान विस्थापित व्यवसायियों को नगर पालिक निगम प्रशासन द्वारा वादा किया गया था कि उन्हें स्थाई दुकान बनाकर दिया जावेगा लेकिन समय गुज़र चुका अब तक किसी तरह की कार्यवाही नही हुई बल्कि व्यापारी उपेक्षा बक शिकार हो रहे हैं। दलपत सागर क्षेत्र में व्यवसाय कर रहे समस्त व्यापारियों ने जनसभा की सदस्यता स्वीकार कर जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डेय् के नेतृत्व में अपने हक़ व अधिकार के लिए संघर्ष का शंखनाद कर दिया है। श्री पाण्डेय् ने कहा कि जब तक इन व्यापारियों को पक्का कॉम्पलेक्स बनाकर एलॉटमेंट नही किया जावेगा संघर्ष जारी रहेगा।
*नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण बस्तर की आमजनता के लिए सिद्ध होगा अभिशाप -जनसभा*
बस्तर अंचल में स्थापित सबसे बड़े इस्पात संयत्र को उत्पादन आरंभ होने से पूर्व ही निजी हाथों में सौंपने की केंद्रीय शक्तियों द्वारा निर्णय के ख़िलाफ़ अरुण पाण्डेय् आरंभ से ही मुखर रहे हैं। उन्होंने कहा हैकि नगर नार स्टील संयंत्र का निजीकरण होने से बस्तर के युवाओं व कामगारों के साथ छलावा व भेदभावपूर्ण स्तिथी में बढ़ोतरी होगी। निजी हाथों में प्लांट जाने के बाद नौकरी इत्यादि में रोस्टर नियम का पालन नही होगा जिसकारण आदिवासी बहुल क्षेत्र में संयंत्र के स्थापित होने के बावजूद यहां के आदिवासी युवाओं को उपेक्षित होना पड़ेगा। स्थानीय कामगारों को प्लांट में बाहरी मज़दूरों के बीच भेदभाव होगा। किसी भी क़ीमत पर नगर नार स्टील संयत्र का निजीकरण ना हो इस कारण राजनैतिक दलों का मोह त्यागकर आम जनता को ही सड़क पर आना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनसभा नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण के निर्णय के पूर्ण ख़िलाफ़ है।
जनसभा के स्थापना के साथ ही आज एकदिवसीय धरना के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में व्याप्त शिक्षा - स्वास्थ्य के क्षेत्र में गड़बड़ी व अनेको विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रहार किया गया है। वन विभाग द्वारा पौधरोपण के नाम पर गड़बड़ियों की जांच, वनोपज़ व गौण खनिजों के अवैध परिवहन, सुपोषण अभियान, समेत अन्य प्रमुख समस्याओं पर प्रशासन का ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया गया है।
जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अरुण पाण्डेय् ने राज्य भर में बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था के संरचनाओं के विकास में प्रशासन की मदद करने व लापरवाही में आवाज़ बुलंद करने के साथ ही स्थानीय बेरोज़गारों को उनके स्थान पर ही रोज़गार उपलब्ध हो सके इसकव लिए संघर्ष करते रहने की बात कही है। राजनीति व मीडिया क्षेत्र से जुड़े जानकारों का मानना हैकि बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ स्थानीय स्तर पर रोज़गार उपलब्ध हो सके इसके लिए अरुण पाण्डेय् ने जनसभा का गठन कर नई पारी की शुरुआत की है।
एक दिवसीय धरना में अरुण पाण्डेय् के अध्यक्षता में सम्पन्न एक दिवसीय धरना में 200 से अधिक लोग सम्मिलित हुए। इसमें छात्र, युवा, बेरोज़गार, व्यापारी आम नागरिक उपस्थित रहें। तहसीलदार ने जनसभा के मंच में आकर समस्त मांगो को सुना व ज्ञापन मुख्य सचिव महोदय छत्तीसगढ़ शासन के पास पहुंचाने की बात कही है।