राजीम कौनदकेरा में धान की फसल में तना छेदक और सूंड़ी का प्रकोप से किसान के फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है

 


राजीम कौनदकेरा  ठाकुर राम सतनामी भुरुवाराम पिता केदार सतनामी के खेतों में पूरी तरह से बीमारी के चपेट में आ गया है शासन से क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन देने की तैयार किया जा रहा है समाचार के माध्यम से तहसीलदार और कलेक्टर साहब से गुहार लगाने की बात कही इन किसान को खेतों मे 1 एकड़ में मात्र दो से तीन बोरी ही धान मिलेगा इस तरह से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है किसान अपना जिला सरकारी बैंक से 40000 का कर्ज लिए हैं खाद कर्ज कैसे पटाए आएंगे इस चिंता खाए हुए हैं समय से दवा का छिड़काव किया गया था

बढ़ते रोगों से गिर रही धान की उत्पादन क्षमता धान का नाम स्वर्णा और श्री राम दोनों ही दानों में बीमारी का प्रकोप देखने को मिला ग्राम कौनदकेरा राजीम कौनदकेरा क क्षेत्र की धान,  फसलें बरसात के दिनों में तमाम रोग की चपेट में आ गई है   समय से दवा का छिड़काव किया गया था एकड़ में 10 से 15000 का दवाई छिड़काव करने के बावजूद भी फसल तनक छेद सुख बीमारी बोलते हैं क्षेत्र की चपेट में आ गया है जिससे फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया है फसलों के उत्पादन में एकड़ में 2 बोरी ही धान हो पाएग है। समय से दवा का छिड़काव किया था

धान, कौनदकेरा राजीम जिला गरियाबंद   किसान का नाम भुरुवा पिता केदार सतनामी ठाकुर राम सतनामी इसके अलावा और किसान का धान भी नुकसान हो गया है धान की फसल में तमाम प्रकार के रोग है। बरसात के समय तना छेदक और पत्ती लपेट कीट धान की फसल में लग जाते हैं। तना छेदक कीट की सूंड़ियां काफी हानिकारक होती हैं। यह हल्के पीले शरीर वाली तथा नारंगी-पीले सिर की होती हैं। मादा सूंड़ी के पंख पीले होते हैं। यह पौधे की गोभ में प्रवेश कर जाती हैं, जिससे पौध की बढ़वार रुक जाती है। कीट पौधे के गोभ के तने को काट देती है, जिससे गोभ सूख जाता है और बालियाें का रंग सफेद पड़ने लगता है। पत्ती लपेटक सूंड़ी हरे रंग के शरीर तथा गहरे भूरे रंग के सिर वाली दो से 2.5 सेमी लंबी होती है। ये पत्तियों को दोनों किनारों को जोड़कर नालीनुमां रचना बनाती हैं। यह कीट उसी के अंदर रहकर हरे

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