गैर शासकीय संस्थान भी जुड़े नवजीवन से
आत्महत्या रोकथाम और तंबाकू नियंत्रण के लिए स्वयंसेवी संस्थानों ने ली
सरकार द्वारा जनहित में संचालित दो बड़े जागरूकता कार्यक्रमों में जिले के कई स्वयंसेवी संस्थानों ने लिया पहले चरण में प्रशिक्षण अगले चरण में जुड़ेंगे और भी संस्थान
महासमुन्द 04 जनवरी 2020/समाज कल्याण की दिशा में निःस्वार्थ भाव से सेवा देने वाले गैर शासकीय संस्थान अर्थात स्वयंसेवी संस्थाएं अब सरकार के दो बड़े अभियानों में शामिल होते नजर आ रहे है। प्रशिक्षण के पहले चरण में शुक्रवार 03 जनवरी को जिला पंचायत भवन में एक वृहद संगोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें 30 से भी अधिक स्वयंसेवी प्रतिनिधी स्वस्फूर्त सहायोग करने के लिए वचनबद्ध हुए।
कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे के मार्गदर्शन में संपन्न नवजीवन अभियान सहित राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की इस बहुउन्मुखी कार्यशाला में जिले के आलावा अधिकारियों ने न केवल शिरकत की बल्कि समस्या और निराकण के गुण भी खिलाए।
इस दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने आत्महत्या रोकथाम के लिए जिले में संचालित अभियान नवजीवन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए तनाव प्रबंधन संबंधित अन्य मुद्दों पर तकनीकी जानकारी प्रदाय की। साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि यह एक सामाजिक कार्यक्रम है, अन्य विभागों के साथ इसमें जिले के अधिकाधिक एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थानों को जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। वर्तमान कार्यशाला से शुरूआत की गई है। आगामी चरण में भी इस तरह प्रशिक्षण कार्य जारी रहेगा। डॉ वारे ने प्रशिक्षणर्थियों से नवजीवन अभियान के साथ-साथ राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम व पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम सहित स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न आयोजनों में अपनी सहभागिता सुचिश्चित करने की अपील की।
विशेष रूप से आमंत्रित अधिकारियों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मो. जहांगीर तिगाला ने विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी देते हुए अपराध नियंत्रण व सुधार हेतु जागरूकता लाने पर जोर दिया। मो. तिगाला ने ˝कोशिश कर आवाज उठाने˝ की बात की और प्रत्येक व्यक्ति तक उसके विधिक अधिकार पहुंचाने की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने प्रधिकारण द्वारा जनहित में जारी किए गए टोल फ्री नंबर के संबंध में बताते हुए कहा कि इस दिशा में 15100 की दूरभाष सेवाओं का उपयोग बहुत कारगर साबित होता है। इस नंबर पर फोन कर विक्षिप्त या जरूरतमंद लोगों के बारे में भी जानकारी दी जा सकती है। विधिक समस्याओं और शिकायती प्रकरणों के लिए इसमें पहचान गोपनीय रखे जाने के भी प्रावधान हैं। इसके लिए हमें चाहिए कि पहले हम स्वयं जागरूक बनें और फिर अधिकाधिक लोगों तक जागरूकता का प्रचार-प्रसार करें।
तंबाकू नियंत्रण व नशा उन्मूलन पर हुई चर्चा के दौरान गैर संचार रोग कार्यक्रम की जिला सलाहकार सुश्री अदीबा बट्ट ने तंबाकू नशे के दुष्परिणाम और कोट्पा अधिनियम 2003 के संदर्भ में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को नशा छोड़ने और छुड़वाने के लिए जिला तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र में निशुल्क प्रदाय की जा रही सेवाओं के बारे में भी अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण में मुख्य रूप से आस्था महिला सामाजिक संस्था, श्री कृष्ण गोपाल सेवा समिति, लॉयनेस क्लब, संस्कृति महिला समिति, समर्थ चैरिटिबल ट्रस्ट, विकास समिति, श्याम विद्या मंदिर समिति, सृजन कल्याण समाजसेवी संस्था, निदान सेवा परिषद, उन्नति दिव्यांग संघ एवं नारी मंच के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। पुनर्राभ्यास के दौरान उन्होंने उक्त विषयों पर अपने अनुभव व विचार व्यक्त करते हुए नवजीवन के तहत तनाव प्रबंधन व नशा उन्मूलन की शपथ ग्रहण की। आयोजन में स्वास्थ्य विभाग से मनोवैज्ञानिक सलाहकार श्रीमति मेघा ताम्रकार, योग प्रशिक्षक श्री देव कुमार डडसेना, ईएमओ श्री टेकलाल नायक सहित शासकीय सामाजिक कार्यकर्ता असीम श्रीवास्तव व श्री दुबे का उल्लेखनीय योगदान रहा।