मकरध्वज प्रधान
जिला संवाददाता
गरियाबंद
गरियाबंद स्थाई आदिवासी आजीविका संवर्धन प्रकल्प
के अन्तर्गत प्रेरक स्वयं सेवी संस्था द्वारा संस्था प्रमुख आर जी सिन्हा के मार्गदर्शन से लोगो को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है जिसमें जैविक तरल खाद निर्माण
अन्तर्गत जीवामृत निर्माण कराया जा रहा है
एक 1इक्कड़ के लिए 200 लीटर पानी 10किलो कच्चा गोबर एक 1 किलो गुड़ 1किलो बेसन 1किलो धिमक मिट्टी 10लीटर गौ मूत्र
उसको मिला कर 8दिन तक सजाया जाता है जिसको 1 डंडा से सुबह शाम उल्टा सीधा कर घुमाया जाता है
8दिन होने पर खेत में छिड़काव करते हैं
उसी प्रकार जैविक कीटनाशक निर्माण जिसमें जिस पत्ता जानवर नहीं खाते हैं उस पत्ते से जैविक कीटनाशक निर्माण करते हैं
जैसे नीम ,रतनजोत ,सीता,करंज ,फुड़हर , कनेर, कर्रा,भिरहा, बेशरम, थतुरा,। पत्ता को बराबर मात्रा में काट कर गौमूत्र के साथ सजाया जाता है जो 21दिन में बन कर तैयार हो जाता है
जिसे 10पन्नी जैविक कीटनाक कहते है जो
इस कीटनाशक को सभी फसल में उपयोग कर सकते है जैसे बंकी ,कनक छेदा,महुर,मैनी ,
इन सब फसल की बीमारी में उपयोग किया जाता है
जैसे 1इक्कड़ में 1 लीटर को 20लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करते है
प्रेरक संस्था के माध्यम से प्रशिक्षण पा कर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए धवलपुर कलस्टर के 4 गांव कामेपुर चिंदाभटा जंगलधवलपुर भैसा मुड़ा , पारागाव , किसानों को जैविक खेती करने के लिए कलस्टर आजीविका फिसलीटेटर कु. भूपेश्वरी यादव ,मोविलिइजर कु. हेमलता नेताम का मुख्य योगदान है